शुक्रवार, 3 अप्रैल 2020

अनिवार्य शिक्षा कैरियर का आधार नहीं


कैरियर के लिए आवश्यक शिक्षा की बात हम बाद में करेंगे। पहले भारतीय संविधान के अंतर्गत 2002 में किए गये संशोधन पर चर्चा कर लेते हैं। भारतीय संविधान के मूल अधिकारों में अनुच्छेद 21 क जोड़कर शिक्षा को मौलिक अधिकार बना दिया गया है। प्राथमिक शिक्षा प्राप्त करना प्रत्येक नागरिक का मौलिक अधिकार है। इसके लिए 2009 में शिक्षा का अधिकार अधिनियम पास करके सरकार ने शिक्षा के मूल अधिकार के अंतर्गत प्राथमिक शिक्षा को अनिवार्य व मुफ्त प्रदान करने की व्यवस्था कर दी है। 
सिद्धांततः माध्यमिक शिक्षा को भी अनिवार्य व मुफ्त करने के विषय पर भी सर्वसहमति बनती जा रही है। देर सबेर माध्यमिक शिक्षा को भी अनिवार्य व मुफ्त कर दिया जायेगा। यह व्यवस्था कैरियर को ध्यान में रखकर नहीं की गई है वरन् यह माना जा रहा है कि एक सभ्य देश के नागरिक के पास न्यूनतम इतनी शिक्षा तो होनी ही चाहिए।
मित्रों! किसी भी क्षेत्र में सम्मानजनक कैरियर के लिए वर्तमान समय में न्यूनतम स्नातक(Graduation) की उपाधि प्राप्त करना तो सामान्य बात हो गयी है। स्नातक की उपाधि तो एक प्रकार से वर्तमान समय में आवश्यकता ही बन गयी है। आजकल स्नातक के बिना तो लिपिकीय कार्यो के लिए भी आगे बढ़ना संभव नहीं हो पाता। अध्यापक तो संसार का सबसे बड़ा पद है। यह इस बात से भी स्पष्ट होता है कि भारत की सबसे आकर्षक व अधिकार संपन्न समझे जाने नागरिक सेवाओं के लिए भी न्यूनतम् योग्यता स्नातक है। स्नातक करके व्यक्ति नोकरशाही के उच्चतम पद तक पहुँच सकता है किंतु अध्यापक नहीं बन सकता। 
अध्यापक जैसे सबसे बड़े पद के लिए केवल डिग्री हासिल करने से ही काम नहीं चलेगा। आपको इसका कौशल प्राप्त करना होगा। सामान्य शिक्षा में विषय का ज्ञान होता है किंतु अध्यापन कौशल के लिए तो आपको विषय में स्नातक के अतिरिक्त शिक्षण(Teaching) में भी आवश्यक योग्यता प्राप्त करनी होगी। यह तो न्यूनतम् आवश्यकता हैं। अध्यापक बनने की प्रक्रिया आपकी अध्यापक बनने की इच्छा के साथ प्रारंभ होती है। अध्यापक बनने की प्रक्रिया आपकी इच्छा के साथ प्रारंभ भले ही होती हो, किंतु समाप्त नहीं होती। वास्तविकता यह है कि अध्यापक बनने की प्रक्रिया कभी समाप्त ही नहीं होती। एक अध्यापक सदैव विद्यार्थी बना रहता है। अच्छा व पेशेवर अध्यापक वही हो सकता है, जो आजीवन शिक्षा प्राप्त करता रहता है। 
        अध्यापक बनने के लिए ही नहीं, प्रत्येक व्यवसाय, पेशे या उद्यम को चुनने के लिए कुछ आधारभूत आवश्यकताएं होती हैं। अध्यापक ही क्यों? आपको जीवन में कुछ भी प्राप्त करने के लिए कुछ आधार तो रखने ही होंगे। बिना किसी आधार के तो हम खड़े भी नहीं हो सकते। हमको सामान्य रूप से खड़े होने के लिए पैरों की आवश्यकता होती है। ठीक उसी प्रकार हमें आर्थिक रूप से अपने पैरों पर खड़े होने के लिए अर्थात अपने लिए आजीविका का साधन चुनने के लिए भी आधारों की आवश्यकता पड़ती है।

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