मंगलवार, 7 अप्रैल 2020

"अध्यापक बनें-जग गढ़ें" - 11

कैरियर ही सब कुछ नहीं होता

कुछ लोग अपने कैरियर के लिए इतने समर्पित होते हैं कि अपने कैरियर के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं। ऐसे व्यक्तियों को भी यह समझाने की आवश्यकता है कि कैरियर ही सब कुछ नहीं होता। कई बार वैयक्तिक, पारिवारिक व सामाजिक परिस्थितियों और वातावरण के कारण हमें अपने मनपसन्द कैरियर को छोड़ना भी पड़ सकता है। यह सब कुछ हमारी सक्षमता, योग्यता, संसाधनों की उपलब्धता, वैयक्तिक व पारिवारिक आवश्यकता, वैयक्तिक व पारिवारिक परिस्थतियों और सबसे आगे बढ़कर निर्णय करते समय हमारी प्राथमिकताएँ आदि सभी वे घटक हैं जो हमारे कैरियर के आधार का काम करते हैं। हम कह सकते हैं कि यही कैरियर के आधार है। इनके आधार पर ही हमारी आजीविका के साधन और हमारे कैरियर का निर्धारण टिका होता है।
          कैरियर के आधार के बारे में हम और भी स्पष्टता के साथ विचार करना चाहंे तो कैरियर हमारी आजीविका का दीर्घकालीन चक्र है। प्रत्येक व्यक्ति को जीवित रहने के लिए, अपने परिवार और समाज में अपने अस्तित्व को बनाये रखने के लिए किसी न किसी आजीविका को अपनाना ही होता है। किंतु स्मरण रखें कि कोई भी आजीविका का साधन केवल एक साधन मात्र है। वह जीवन से अधिक महत्वपूर्ण नहीं हो सकता। 
व्यक्ति की आजीविका और उसके तरीके ही उसके वैयक्तिक अस्तित्व व सम्मान के निर्धारक होते हैं। कोई भी आजीविका कोई न कोई कार्य होता है। प्रत्येक कार्य संपन्न करने में भौतिक संसाधनों के साथ-साथ शारीरिक सक्षमता और बौद्धिक सक्षमता की आवश्यकता पड़ती है। 
हाँ! कार्य की प्रकृति के आधार पर इनका अनुपात बदलता रहता है। जिन कार्यो में जितनी अधिक बौद्धिक सक्षमता और न्यून शारीरिक सक्षमता की आवश्यकता पड़ती है। समाज में वह आजीविका उतनी ही अधिक आकर्षक मानी जाती है। शारीरिक क्षमता की अपेक्षा बौद्धिक क्षमता सदैव अधिक मान्यता की हकदार रही है। यही कारण है कि सफेदपोश कार्यो की अधिक माँग रहती है।
वर्तमान समय में बेरोजगारी का रोना रोया जाता है किंतु वास्तविकता यह भी है कि आवश्यकता पड़ने पर मजदूर नहीं मिलते। भारत के बहुत बड़े क्षेत्र में ऐसी स्थितियाँ भी मिल जाती हैं कि श्रमिक को अधिक मजदूरी मिलती है, जबकि पढ़ा लिखा युवक मजदूर से बहुत कम वेतन में काम करने के लिए राजी हो जाता है। निजी विद्यालयों में आपको बहुत से ऐसे अध्यापक मिल जायेंगे, जो न्यूनतम मजदूरी से भी कम वेतन प्राप्त कर रहे हैं। 
मेरा व्यक्तिगत अनुभव है, जब मैं अपने शोध कार्य के लिए राजस्थान में नमक उद्योग के मजदूरों की कार्य दशाओं से संबन्धित आकड़े एकत्रित कर रहा था। बड़ा ही मजेदार अनुभव हुआ। मजदूरों को जो मजदूरी मिल रही थी, वह उनको नियंत्रित करने वाले मुनीम नाम के प्राणी से अधिक थी। मैंने जब कुछ मुनीमों से जानना चाहा कि वे कम रूपये लेकर मुनीम क्यों बने हुए हैं? उनका एक मात्र कहना था कि इसमें कपड़े गंदे नहीं होते अर्थात सफेदपोश काम है। इससे स्पष्ट होता है कि व्यक्ति केवल धन कमाने के लिए ही कार्य नहीं करता। उसकी इच्छा और आकांक्षाए कार्य से जुड़ी हुई प्रतिष्ठा से भी प्रभावित होती हैं।
अभी-अभी, लगभग पिछले वर्ष (2019) का ही अनुभव है। विद्यालय में इलैक्ट्रिीशियन न होने के कारण काम चलाने के लिए बिजली का काम जानने वाले एक व्यक्ति को दैनिक मजदूरी पर रख लिया गया था। जब निर्धारित योग्यता प्राप्त व्यक्ति मिल गया, उसे प्रस्ताव दिया गया कि वह चैकीदार का काम कर सकता है। उसे उतनी ही मजदूरी मिलती रहेगी। उसने साफ इंकार कर दिया। उसका कहना था कि इससे अच्छा काम दीजिए और वह विद्यालय से बाहर हो गया। 
कहने का आशय यह है कि व्यक्ति काम स्वीकार करते समय केवल पैसे को ही नहीं देखता और भी अनेक कारक होते हैं, जिनके आधार पर वह रोजगार संबंधी निर्णय लेता है। किसी के बेरोजगार होने का यह आशय नहीं होता कि उसे कोई काम नहीं मिल रहा बल्कि यह आशय होता है कि उसे उसकी इच्छानुसार व उसकी दृष्टि से उसकी योग्यता के अनुसार काम नहीं मिल रहा। 
शारीरिक सक्षमता और बौद्धिक सक्षमता व्यक्ति की आनुवांशिकता, पारिवारिक परिवेश, सामाजिक परिवेश और व्यक्तिगत जागरूकता के आधार पर विकसित होती है। कई बार सभी परिस्थितियाँ अनुकूल रहते हुए भी किसी आकस्मिक दुर्घटना के कारण हमारी सक्षमता प्रभावित हो सकती है। हमारी आजीविका प्राप्त करने और हमारे कैरियर तय करने में ये सक्षमता ही आधार का काम करती हैं। जो घटक हमारी इस सक्षमताओं को प्रभावित कर सकते हैं वे सभी मिलकर हमारे कैरियर का आधार होते हैं।
निष्कर्षतः हम कह सकते हैं कि किसी भी व्यक्ति को अपने कैरियर के चयन से पूर्व विभिन्न आधारों पर विचार कर लेना आवश्यक है, जो निम्न हो सकते हैं-
1. अभिवृत्ति   (Attitude)
2. अभिक्षमता  (Aptitude)
3. योग्यता (Ability)
4. कुशलता (Skill)
5. शिक्षा (Education)
6. संसाधन  (Resources) 
7. कैरियर के क्षेत्रों की उपलब्धता।



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