दीपावली के शुभ अवसर पर सभी साथियों को सुख-समृद्धि व आनन्दपूर्ण जीवन के लिए शुभ-कामनाये-
समस्याओ का अम्बार लगा है,
व्यक्ति विकास ने आज ठगा है।
प्रबन्धन कर एक बार फिर,
छोटा सा एक, दीप जलायें।
उद्योगों में ही नही,जीवन में,
प्रबंधन को हम अपनाएं .
छोटा सा एक, दीप जलायें।
मानव-मन को पुन: मिलायें।।
अंधकार से ढका विश्व है,
दीप से दीप जलाते जायें।
चौराहे पर रक्त बह रहा,
नारी नर को कोस रही है,
नर नारी का खून पी रहा,
लक्ष्मीजी चीत्कार रही हैं।
राम का हम हैं, स्वागत करते
रावण मन के अन्दर बस रहा।
लक्ष्मी को है मारा कोख में
अन्दर लक्ष्मी पूजन हो रहा।
आओ शान्ति सन्देश जगायें,
हर दिल प्रेम का दीप जलायें।
बाहर दीप जले न जले,
सबके अन्दर दीप जलायें।
विद्वता बहुत हाकी है अब तक,
पौथी बहुत बांची हैं अब तक,
हर दिल से आतंक मिटायें,
छोटा सा एक, दीप जलायें।