सफलता की ओर पहला कदमः
सामान्यतः
कहा जा सकता है कि समय के संदर्भ में प्रबंधन सफलता की यात्रा प्रारंभ करने का पहला
कदम है। यह केवल कहावत मात्र ही नहीं है, एक वास्तविकता है। समय ही जीवन है। जीवन से
अधिक मूल्यवान व महत्वपूर्ण व्यक्ति के पास कुछ भी नहीं है। जो व्यक्ति अपने जीवन का
व्यवस्थित प्रयोग नहीं करता अर्थात् अपने समय का योजनाबद्ध ढंग से प्रयोग सुनिश्चित
नहीं करता उसे सफलता के सपने नहीं देखने चाहिए। यदि कोई व्यक्ति अपने पास उपलब्ध समय
का ही प्रबंधन की सहायता से सदुपयोग सुनिश्चित नहीं कर सकता, तो वह अन्य संसाधनों का
भी सही प्रकार से प्रबंधन नहीं कर पायेगा। समय के पल-पल का कार्य के साथ प्रबंधन अन्य
संसाधनों के प्रबंधन का आधार है। मानवीय संसाधनों के अतिरिक्त अन्य संसाधनों का भी
एक जीवनकाल या कार्यकारी जीवनकाल होता है। अतः उनके सन्दर्भ में भी समय के अनुसार उपयोग
करने की योजना बनाना आवश्यक होता है।
यदि
व्यक्ति अपने पास उपलब्ध समय के पल-पल का उपयोग
करने के लिए अपने कार्यों का प्रबंधन करने में महारथ हासिल कर लेता है, तो वह अपने
जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सभी कार्यों को संभालने में सक्षम होता है। उसे समय के
संदर्भ में प्रत्येक कार्य का प्रबंधन करने की आदत बन जाती है। एक बार समय की प्रत्येक
इकाई के योजनाबद्ध प्रयेाग की आदत बन गयी तो व्यक्ति स्वयं के प्रबंधन में ही नहीं
देश के प्रबंधन में भी सफलता हासिल कर सकता है। जो अपना प्रबंधन कर सकता है, वह किसी का भी प्रबंधन कर सकता है। जो स्वयं पर
नियंत्रण पा लेता है, वह सभी पर नियंत्रण प्राप्त कर सकता है। जिसने अपने आपको जीत
लिया, दुनिया में कोई उसे पराजित नहीं कर सकता।
समय के संदर्भ में प्रबंधन की आदत हो जाने पर
वह जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता सुनिश्चित करती है। समय की प्रत्येक इकाई का
प्रयोग केवल अपने ही समय के प्रयोग में कुशलता प्रदान नहीं करता वरन अन्य संसाधनों
के समयबद्ध प्रबंधन में भी कुशल बनाता है। समय के संदर्भ में कार्य प्रबंधन व्यक्ति
को सफलता की ओर ले जाता है, क्योंकि-
1.
समय के संदर्भ में कार्य प्रबंधन समय की प्रत्येक इकाई का सदुपयोग करने की आदत डालकर
मितव्ययिता लाता है। समय की प्रत्येक इकाई के प्रयोग के कारण मानवीय व अमानवीय सभी
संसाधनों के कुशलतम प्रयोग के कारण लागत में कमी आती है। यही नहीं कुशलतम व प्रभावी
प्रयोग गुणवत्ता के स्तर को भी सुनिश्चित करता है।
2.
समय के संदर्भ में कार्य प्रबंधन का आधार नियोजन होता है। नियोजन हमें श्रेष्ठतम निर्णय
लेने में सक्षम बनाता है। नियोजन के अन्तर्गत हम ध्येय, उद्देश्य और लक्ष्यों पर भी
चिंतन-मनन करते हैं। इस प्रकार हमारे सामने हमारे उद्देश्य स्पष्ट हो जाते हैं। आप
क्या चाहते हैं? इसे याद रखना, अपनी गतिविधियों के प्रबंधन का महत्वपूर्ण कदम ही नहीं
है; सफलता का भी प्रथम कदम है। जब आपको पता ही नहीं होगा कि आप चाहते क्या हैं? आप
क्या करेंगे? और क्या सफलता पायेंगे?
3.
समय के संदर्भ यदि कोई व्यक्ति अपने पास उपलब्ध समय का ही प्रबंधन की सहायता से सदुपयोग
सुनिश्चित नहीं कर सकता, तो वह अन्य संसाधनों का भी सही प्रकार से प्रबंधन नहीं कर
पायेगा। में कार्य प्रबंधन केवल मानवीय समय को ही अधिक उत्पादक
नहीं बनाता वरन अन्य संसाधनों के समय का भी मितव्ययितापूर्वक प्रयोग होने के कारण अधिक
उत्पादकता प्राप्त करने में सहायता प्रदान करता है। कार्य प्रबंधन या समय के सन्दर्भ
में कार्य प्रबंधन मानवीय व अमानवीय साधनों का अधिकतम प्रयोग सुनिश्चित करके वस्तु
या सेवा की लागत को कम करता है। यही नहीं समय की प्रति इकाई का सदुपयोग होने व सभी
संसाधनों का कुशलतम व प्रभावपूर्ण उपयोग होने के कारण कार्य की गुणवत्ता में भी सुधार
होता है।
4.
समय के संदर्भ में कार्य प्रबंधन करने से प्रबंधन की तकनीकों का प्रयोग किया जाता है।
नियोजन, निर्णयन व नियंत्रण जैसी प्रबंधन तकनीकों के प्रयोग से कुशलता व कार्य की गति
में वृद्धि होती है। कुशलता में वृद्धि के कारण क्रियान्वयन का स्तर भी सुधरता है,
जिसके कारण आशा के अनुरूप परिणामों की प्राप्ति होती है और प्रेरणा का स्तर बढ़ता है।
परिमाण और गुणवत्ता दोनों में वृद्धि होती है।
5.
समय के संदर्भ में कार्य प्रबंधन से व्यक्ति के तनाव का स्तर कम होकर समाप्तप्राय हो
जाता है। कार्य और समय का सही आवंटन हो जाने व योजनाबद्ध ढंग से कार्य होने के कारण
किसी प्रकार की हड़बड़ी नहीं रहती। कार्य सुचारू ढंग से चलता रहता है। स्वास्थ्य अच्छा
रहता है, जो जीवन के आनन्द को बढ़ाकर और अधिक कार्य करने को प्रेरित करता है। कार्य
प्रबंधन अपनाकर व्यक्ति व्यस्त रहता है, मस्त रहता है और स्वस्थ रहता है।
6.
समय के संदर्भ में कार्य प्रबंधन करने से सभी गतिविधियों का अध्ययन किया जाता है। प्रत्येक
गतिविधि में लगने वाले समय का मानकीकरण हो जाता है। उस मानकीकरण के आधार पर कार्य करने
वाले कार्यकर्ता के परिश्रम का मूल्यांकन आसानी से किया जा सकता है। यही नहीं वस्तुओं
या सेवाओं का मूल्यांकन भी अधिक सटीकता के साथ करना संभव होता है। व्यक्ति के समय का
सही से उपयोग होने के कारण उसका आर्थिक व सामाजिक विकास होता है। उसके परिवार व समाज
पर भी उसका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।