गुरुवार, 24 जुलाई 2014

सफलता सफलता होती है: बड़ी या छोटी नहीं



हम आजीवन कर्मरत रहते हैं, यदि आप ऐसा नहीं करते तो संभल जाइये। हमें आजीवन कर्मरत रहना चाहिए। कर्मरत रहना ही तो जीवन है। हमारे कर्मो के परिणामस्वरूप प्राप्त होने वाले संतुष्टिदायक अपेक्षित परिणाम ही सफलता हैं। यदि आप कर्मरत नहीं रहेंगे तो सफलता किस प्रकार प्राप्त होगी? हम प्रयास करते रहेंगे, तभी तो उनके फलस्वरुप हमें सफलताएँ प्राप्त होंगी। ये सफलताएं छोटी और बड़ी कही जाती हैं। जबकि प्रयास के अनुरूप ही उपलब्धियाँ मिलती हैं। सफलता को बड़ी छोटी करके नहीं आंका जा सकता।
         सफलता न तो छोटी होती है और न ही बड़ी। सफलता सफलता होती है, जो हमारे द्वारा किए गये प्रयासों का फल होती है। प्रत्येक सफलता व्यक्ति द्वारा किए गये प्रयास को फलीभूत करती है; अतः महत्वपूर्ण होती है। सफलता बडी या छोटी नहीं होती; बड़े या छोटे तो होते हैं, हमारे प्रयास। सफलता प्रयासों का ही अनुसरण करती है। अतः प्रयासों के बडे या छोटे होने को सफलता पर आरोपित कर दिया जाता है। वास्तव में सफलता सफलता होती है। प्रत्येक सफलता कुछ क्षण को ही सही हमें आनन्द की अनुभूति कराती है; हमारे सामने सन्तुष्टि का अवसर लेकर आती है। यह हमारे ऊपर निर्भर है कि हम सफलता को स्वीकार करें और आनन्द की अनुभूति करें।


कोई टिप्पणी नहीं: