आधुनिक युग में पुनः प्रबंधन के महत्व को स्वीकार किया जाने लगा है। जीवन में प्रबंधन के प्रयोग को लेकर जागरूकता का विस्तार हो रहा है। प्रबंधन व अभिप्रेरणात्मक पुस्तकों की बिक्री बढ़ रही है। प्रबंधन के पाठयक्रमों की ओर युवाओं का आकर्षण बढ़ता ही जा रहा है, किन्तु यह ध्यान देने की बात है कि केवल पाठयक्रम के आधार पर अच्छे प्रबंधकों का विकास नहीं किया जा सकता।
खासकर सभी व्यक्तियों के विकास व सफलता के सपने साकार करने के लिए सभी को प्रबंधन के पाठयक्रम नहीं कराये जा सकते और न ही इसकी आवश्यकता ही है। प्रबंधन पाठयक्रम तो विशेषज्ञता वाले क्षेत्रों के लिए ही कराये जा सकते हैं। सामान्य जन को तो प्रबंधन का ज्ञान व अभ्यास पंरपराओं, जन संचार के साधनों, उनकी अभिरुचियों, सार्वजनिक कार्यक्रमों, अनिवार्य शिक्षा के पाठयक्रमों, दूरस्थ पाठयक्रमों आदि के माध्यम से ही दिया जा सकता है। प्रबंधन कुशलता के विकास के लिए परिवारों को मजबूत व समर्थ बनाना होगा। परिवार व विद्यालयों के द्वारा ही प्रबंधन कौशल का विकास करना होगा। कुशल प्रबंधकों के लिए आवश्यक समझे जाने वाले गुणों को अग्रानुसार स्पष्ट किया जा सकता है-
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें