गुरुवार, 20 नवंबर 2014

सफलता का राज्- सातवाँ अध्याय

अपने प्रबंधक आप बनें


जीवन प्रबंधन की अवधारणा के अनुसार जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में प्रबंधन को अपनाने की आवश्यकता है। प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन व परिवार में, अपने कार्यस्थल व समाज में; व्यक्ति जहाँ भी कार्य करता है, उसे प्रबंधन को अपने आचरण में आत्मसात करने की आवश्यकता है। अब जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में प्रबंधन के प्रयोग के लिए प्रत्येक स्थान पर कुशल व प्रशिक्षित प्रबंध विशेषज्ञों की नियुक्ति तो की नहीं जा सकती। किन्हीं विशिष्ट क्षेत्रों में नियुक्तियाँ हो सकती हैं। बड़े-बड़े संगठनों में प्रबंधकों की नियुक्तियाँ की जा सकती हैं किन्तु हमें अपने व्यक्तिगत, पारिवारिक व सामाजिक मामलों का तो स्वयं ही प्रबंधन करना पड़ेगा। अतः प्रबंधन की सर्वव्यापकता को देखकर इसके प्रचार-प्रसार करने व इसे अनौपचारिक रूप से सभी को सिखाने व प्रबंधन कोशल के विकास की आवश्यकता है। 
प्रत्येक व्यक्ति को प्रबंधन कौशल में निपुण नहीं बनाया जा सकता किन्तु प्रत्येक व्यक्ति को प्रबधन कला के बारे में व्यावहारिक ज्ञान दिया जा सकता है। यह तभी संभव है जब हम प्रत्येक व्यक्ति को प्रबंधन का न्यूनतम् ज्ञान देना तो सुनिश्चित करें ही साथ ही उसे उसके क्रियान्वयन में भी कुशल बनायें और यह सब हमारी अनौपचारिक पद्धति के द्वारा होना चाहिए।

कोई टिप्पणी नहीं: