सोमवार, 15 दिसंबर 2014

जीवन प्रबन्ध के आधार स्तम्भ-४

जीवन प्रबंधन में विद्यालय(शिक्षकों) की भूमिका: 


जीवन प्रबंधन में माता-पिता व परिवार के बाद शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। व्यक्ति का शैक्षणिक आधार विद्यालयों में तैयार होता है। यद्यपि विद्यालयों में सर्वांगीण विकास की बात की जाती है, विकास के सभी पक्षों पर ध्यान देने का प्रयास किया जाता है तथापि वर्तमान शिक्षा प्रणाली जीवन-वृत्ति विकास(करियर) की ओर ही अधिक केन्द्रित दिखाई देती है। यही नहीं जीवन प्रबंधन में विद्यालय का योगदान अभिभावकों द्वारा चयनित विद्यालय पर भी निर्भर करता है। विद्यालय में विद्यार्थी के जीवन प्रबंधन में केवल शिक्षकों का योगदान ही नहीं होता, साथियों के साथ-साथ विद्यालय वातावरण भी छात्र-छात्राओं के जीवन प्रबंधन में योगदान देता है। अतः बच्चे की शिक्षा के लिए शिक्षालय का चयन पूरी तरह सोच समझकर करना चाहिए और बच्चे का विद्यालय में प्रवेश कराने का आशय यह नहीं है कि बच्चा विद्यालय को सौंप दिया है। बच्चे के जीवन प्रबंधन का मूल कर्तव्य व उत्तरदायित्व अभिभावकों का ही होता है। अतः विद्यालयी शिक्षा के दौरान भी निरंतर बच्चे के विकास पर नजर रखनी चाहिए। शिक्षकों के निकट संपर्क में रहना चाहिए। हाँ! विद्यालय का योगदान भी निश्चित रूप से महत्वपूर्ण हैं किंतु अभिभावकों को प्रत्येक स्तर पर जागरूक रहने की आवश्यकता है।

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