शनिवार, 23 जनवरी 2021

अध्यापक बनें-जग गढ़ें-२१

 

कैरियर के क्षेत्र में प्रतियोगिता की चुनौती

कैरियर के क्षेत्र में वर्तमान समय में प्रतियोगिता की चुनौती का सामना करना पड़ता है। अतः आवश्यक है कि हम चुनाव से पूर्व ही हम यह जान लें कि हम क्या हैं? क्या-क्या कर सकते हैं? क्या करना चाहते हैं और हमें क्या करना है ? चुनाव के बाद बार-बार जल्दी-जल्दी अपनी वृत्ति या कैरियर लाइन को उद्देश्यहीन तरीके से बदलना न व्यक्ति के हित में है और न ही समाज के विकास की दृष्टि से उचित कहा जा सकता है। कैरियर में एक निश्चित सीमा तक स्थिरता व्यक्ति और समाज दोनों के लिए ही हितकर होती है। यह स्थिरता तभी हो सकती है जब व्यक्ति अपने बारे में सही विश्लेषण व आकलन करके कैरियर का चुनाव करे।

      सामान्यतः कैरियर के चयन का आधार हाईस्कूल के पश्चात् कक्षा 11 में विषय चयन से ही हो जाता है। मानविकी, विज्ञान, वाणिज्य या वोकेशनल के चयन के साथ ही भावी चयन का आधार बनने लगता है। वरिष्ठ माध्यमिक शिक्षा के बाद स्नातक के विषय भावी कैरियर में मील का पत्थर साबित हो सकते हैं। माध्यमिक, उच्चतर माध्यमिक व स्नातक का व्यवस्थित व योजनाबद्ध अध्ययन सुव्यवस्थित कैरियर के चुनाव के लिए सुविधाजनक रहता है। उदाहरणार्थ, कला या संगीत के क्षेत्र में कैरियर का चुनाव करने वाले विद्यार्थी को माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्तर पर ही कला या संगीत जैसे विषयों का चुनाव करना होगा। यही नहीं उन विषयों में विशेषज्ञता हासिल करते हुए स्नातक स्तर पर विशेष अध्ययन करके आगे बढ़ना होगा।

      वृत्ति, जीविका या कैरियर का चयन एक ऐसा महत्वपूर्ण कृत्य है जो हमें आजीवन सीखते हुए आगे बढ़ने का राजमार्ग प्रदान करता है, जिस पर हम स्व-प्रेरित व स्वानुशासित रहते हुए उन्नति के चरमशिखर की ओर बढ़ते हैं। हम जैसा करते हैं, हमारी अभिरूचि और वृत्ति की आवश्यकताएं हमें भावी बदलाव की ओर अग्रसर करती रहती हैं।

 

 

 “कैरियर का चयन करने से पूर्व संभावित विकल्पों की तलाश करना, उपलब्ध संसाधनों और परिस्थितियों का विश्लेषण करते हुए संभावित विकल्पों का मूल्यांकन कर सर्वश्रेष्ठ विकल्प का चुनाव करना, किसी भी व्यक्ति के लिए जीवन का महत्वपूर्ण कार्य होता है। कैरियर का वैज्ञानिक विश्लेषण और उचित नियोजन के साथ चयन करने से कैरियर के शिखर तक जाने की संभावनाएं अधिक बलवती हो जाती हैं।“

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