प्रबंधन की परिभाषाएँ-
1. फ्रेडरिक डब्ल्यू टेलर के अनुसार- ‘निश्चित रूप से यह जानना कि आप लोगों से क्या काम करवाना चाहते हैं और यह देखना कि वे किस तरह बढ़िया और मितव्ययी ढंग से गुणवत्तायुक्त कार्य करते हैं, प्रबंधन कहलाता है।’
2. हेनरी फेयोल के मतानुसार- ‘उपक्रम में उपलब्ध समस्त संसाधनों का उसके उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए यथासंभव सर्वोत्तम उपयोग के लिए प्रयास करना ही प्रबंधन का कार्य है।’
3. विलियम ग्यूलेक के अनुसार- ‘किसी उपक्रम के उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु मानवीय और भौतिक संसाधनों का दक्षतापूर्वक उपयोग करना ही प्रबंधन है।’
1. प्रबंधन एक समावेशी प्रक्रिया है।
2. प्रबंधन एक लोचशील व सर्वव्यापी प्रक्रिया है।
3. प्रबंधन सैद्धान्तिक ही नहीं प्रायोगिक शास्त्र है।
4. प्रबंधन कला व विज्ञान दोनों है।
5. प्रबंधन प्रशासन का प्रयोगकर्ता है, स्वयं प्रशासन नहीं। प्रशासन प्रबंधन का सहायक होता है।
6. प्रबंधन बहुस्तरीय कार्य है।
प्रबंधन के अर्थ, परिभाषाओं व विशेषताओं के अध्ययन के समय हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि परिभाषाओं में जहाँ-जहाँ उपक्रम शब्द का प्रयोग किया गया है, वहाँ-वहाँ व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह शब्द भी प्रयोग किया जा सकता है। उपक्रम का निर्माता या अधिष्ठाता व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह ही होता है। वास्तव में व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह अपने उद्देश्यों के साधन के रूप में उपक्रम या संगठन का निर्माण करते हैं। अतः संगठन न तो साधक होता है और न ही साध्य, संगठन तो साधन मात्र है; जिसका प्रयोग व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह प्रबंधन रूपी साधना करते हुए अपने उद्देश्य रूपी साध्य को प्राप्त करने के लिए करता है। यदि आपको सफलता प्राप्त करनी है तो यही आपको करना होगा।
यहाँ पर हम प्रबंधन के अध्येता नहीं हैं। प्रबंधन के बारे में विस्तृत अध्ययन यहाँ न तो अपेक्षित है और न ही संभव। यहाँ हमें केवल इतना समझना है कि किसी भी स्तर पर सफलता प्राप्त करने के लिए प्रबंधन आवश्यक है। अतः प्रबंधन के क्या कार्य हैं? यह जानना आवश्यक है, ताकि हम अपने जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए प्रबंधन का प्रयोग कर सकें। प्रबंधन के कार्यो को समझे बिना हम प्रबंधन का उपयोग किस प्रकार करेंगे? और प्रबंधन का उपयोग किये बिना हम सफलता प्राप्त नहीं कर सकते। अतः आओ हम प्रबंधन के कार्यो को जानें।
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