रविवार, 11 जुलाई 2010

मानव संसाधन नियोजन के स्तर

Levals Of Human Resource Planning



जनशक्ति आयोजन का कार्य राष्टीय, क्षेत्रीय, उद्योग अथवा सयन्त्र स्तर पर ही नहीं परिवार स्तर व वैयक्तिक स्तर पर भी पड़ती है। राष्टीय स्तर पर जनशक्ति आयोजन सामाजिक स्तर पर किया जाता है, जिसमें सभी व्यक्तियों को देश की आवश्यकता के अनुसार विकसित करने व सभी की अधिकतम् क्षमताओं का प्रयोग करते हुए रोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य प्रमुख रहता है।


सयन्त्र स्तर पर जनशक्ति आयोजन का उद्देश्य संस्था की आवश्यकतानुसार कुशल जनशक्ति की अबाध आपूर्ति बनाये रखना है ताकि संस्था के उद्देश्यों को प्रभावशाली व मितव्ययी ढंग से प्राप्त किया जा सके।


भारत में परिवार के स्तर पर विवेकपूर्ण मानव संसाधन नियोजन के प्रयास कम ही दिखाई देते हैं। अभी तक तो यह देखा जाता है कि एक प्रवृत्ति के आधार पर सभी अपने परिवार के नौनिहालों को डॉक्टर व इंजीनियर बनाने के सपने देखते हैं। राष्टीय स्तर पर जनसंख्या नीति मानव संसाधन नियोजन का ही भाग है। किन्तु परिवार नियोजन की जो परिभाषा राष्टीय स्तर पर लगाई जाती है, वही परिवार स्तर पर भी हो आवश्यक नहीं। परिवार की आवश्यकता के अनुसार परिवार का नियोजन करने पर दो बच्चों की संख्या का निर्धारण ही किया जाय। यह आवश्यक नहीं किन्तु परिवार स्तर पर मानव संसाधन नियोजन की प्रक्रिया आरम्भ होनी चाहिए। अभी तक मानव संसाधन विकास पर ही ध्यान दिया जाता है। वह भी सन्तुलित नहीं है। वैयक्तिक स्तर पर भी मानव संसाधन नियोजन की अपेक्षा विकास तक ही सीमित रहा जाता है, विकास भी केवल आर्थिक स्तर पर ही मापा जा रहा है, जो उचित नहीं है।


कहने का आशय यह है कि हमें राष्टीय, क्षेत्रीय, उद्योग, सयन्त्र स्तर के साथ-साथ परिवार के स्तर पर भी मानव संसाधन नियोजन पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए। यही नहीं प्रत्येक व्यक्ति को अपने विकास व नियोजन पर विवेकपूर्ण तरीके से विचार कर अपने लक्ष्यों को प्रभावशाली व मितव्ययी ढंग से प्राप्त करने के प्रयत्न करने चाहिए। तभी प्रबंध का उद्देश्य, न्यूनतम् संसाधनों व प्रयासों से अधिकतम् व श्रेश्ठतम् परिणाम हासिल करना प्राप्त हो सकेगा।

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