Process Of Human Resource Planning
मानव संसाधन नियोजन किसी भी उपक्रम के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है। मानव संसाधन आयोजन की प्रक्रिया सुव्यवस्थित नहीं होने से कई उपक्रमों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है। बड़े संगठनों में तो जन-शक्ति आयोजन एक निरन्तर चलने वाली प्रक्रिया है, जो कुछ न कुछ मात्रा में सभी विभागों में की जाती है तथा सभी विभागों के लिए केन्द्रीय जन-शक्ति आयोजन का काम कार्मिक विभाग में होता है। मानव संसाधन प्रक्रिया को सामान्यत: चार चरणों में सम्पन्न किया जा सकता है-
1. प्रथम चरण - विभिन्न प्रकार के विश्लेशण करने के उपरान्त विभागीय स्तर पर तथा संगठन के स्तर पर सम्पूर्ण जनशक्ति मांग का अनुमान किया जाता है। ऐसा करते समय संगठन के बजट का भी ध्यान रखा जाता है। ये अनुमान संगठन के उद्देश्यों और योजनाओं के क्रियान्वयन को ध्यान में रखते हुए पर्याप्त होने चाहिए।
2. द्वितीय चरण- प्रबंधकीय स्तर पर बनी नीतियों के अनुरूप जनशक्ति आयोजन करके इसकी स्वीकृति उच्च प्रबंध से ली जाती है।
3. तृतीय चरण - जनशक्ति आयोजन कार्यक्रम की स्वीकृति के पश्चात् भर्ती की प्रक्रिया प्रारंभ होती है। इस चरण में भर्ती, चयन, स्थापन, स्थानान्तरण, पदोन्नति, निष्कासन, सेवा-निवृत्ति, प्रिशक्षण, मूल्यांकन तथा संप्रेषण की क्रियाएं सेविवर्गीय विभाग द्वारा संपन्न की जाती हैं।
4. चतुर्थ चरण - समस्त अनुमानों, क्रियाओं, वातावरण जनित परिवर्तनों आदि पर नियन्त्रण रखते हुए संगठन में जनशक्ति आयोजन की प्रक्रिया को निरन्तरता प्रदान की जाती है।
आजकल जन-शक्ति आयोजन को अधिक प्रभावी बनाने के लिए विविध सूचनाओं का सहारा लिया जाता है। कम्प्यूटर प्रणाली का प्रयोग बड़े संगठनों में आम बात हो गई है।
इस प्रकार मानव संसाधन आयोजन एक जटिल प्रक्रिया है जो संगठन की जटिलतम समस्याओं के निराकरण में सहायक होती है। अच्छे जन-शक्ति आयोजन से मानव संबन्धों में सुधार होता है तथा औद्योगिक शान्ति बनी रहती है। आयोजन के अभाव में प्रत्येक क्षेत्र में अनेक जटिलताएं उत्पन्न होती हैं, जैसे- अतिरिक्त श्रम समस्या, अतिरिक्त उत्पादन, वित्त का अभाव, उत्पादन लागत में वृद्धि आदि।
बुधवार, 7 जुलाई 2010
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