राष्ट्रप्रेमी की ओर से नव वर्ष की सशर्त बधाई और शुभकामनाएं
मित्रो एक वर्ष और बीत गया, फिर चलेगा बधाइयों का दौर
और फिर हम सब अगले वर्ष भी किसी न किसी अपराध में सम्मिलित होकर
या अपराध का समर्थन करके या फिर अपराध को नजर अन्दाज करके,
हम सभी अपराधों को बढ़ावा देने और कानून और सरकार को कोसने को तैयार हो जायेंगे।
ऐसे में किस प्रकार हमारा नव वर्ष शुभ हो सकता है?
अतः मैं आप सबको बधाई और शुभकामनाएँ तो देना चाहता हूँ
बशर्ते हम अपने ज्ञान, भाव व कर्म को एकरूपता प्रदान कर
सबके हित में निरन्तर कर्मरत रहने का संकल्प करें
-हम संकल्प करें-
जो सोचें, वही बोलें और वही करें
ईश्वर को मंदिर, मस्जिद, चर्च से बाहर लाकर प्रत्येक कर्म का साक्षी बनायें
और कर्म को धर्म में परिवर्तित कर लें।
सशर्त बधाई
दो हजार तेरह का पुनः अवलोकन, चौदह की करो योजना भाई।
ज्ञान, भाव और कर्म मिले तो, राष्ट्रप्रेमी की नव वर्ष बधाई।।
मौज-मस्ती भी तभी मिलेगी, व्यस्त रहो कुछ कर्म भी कर लो
स्वार्थ भी पूरे तब ही होंगे, सुरक्षित समाज की रचना कर लो
कानूनों से ही सुरक्षा न मिलेगी, अन्तर्मनों को शिक्षित कर लो
अधिकारों को झगड़े बहुत हो, कर्तव्यों की कुछ सुध कर लो
समानता, स्वतंत्रता और बंधुता, न्याय की भी तो करो कमाई।
ज्ञान, भाव और कर्म मिले तो, राष्ट्रप्रेमी की नव वर्ष बधाई।।
लूटपाट, अपहरण, बलात्कार अब तजने का संकल्प करो।
दोषारोपण बहुत हो चुका, कुछ करने का संकल्प करो
मनुष्य न बन, अपराधी बनते, शिक्षालयों का संकल्प करो
अपराध मुक्त यदि समाज बनाना, सद् शिक्षा का संकल्प करो।
नकल मुक्त शिक्षालय हो तो, सदाचारी सब बनेंगे भाई।
ज्ञान, भाव और कर्म मिले तो, राष्ट्रप्रेमी की नव वर्ष बधाई।।
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