मंगलवार, 4 जून 2019

समय की एजेंसी-16

समय अच्छा या बुरा नहीं होता



आमतौर पर अधिकांश लोग समय के महत्त्व के बारे में चर्चा करते हुए देखे जा सकते हैं। समय ही शक्तिशाली है, इस तथ्य को स्वीकार करते हैं। समय पर अच्छे और बुरे होने का ठप्पा लगा देते हैं। यह सब समय से मित्रता न करने के कारण होता है। हम समय के साथ चलेंगे तो समय हमारा बन जायेगा। समय का विश्लेषण कर समय का पोस्टमार्टम करने का प्रयत्न करेंगे तो समय हमारा पोस्टमार्टम कर देगा। हम समय को नष्ट करेंगे तो समय नहीं, हमारा जीवन नष्ट हो जायेगा। हमें सदैव स्मरण रखना होगा, समय कभी भी किसी के लिए भी रूकता नहीं और न ही किसी पर कोप या दयालुता दिखाता है। यह तो हमारे ऊपर निर्भर है कि हम समय का उपयोग किस प्रकार करते हैं और उससे दयालुता या निर्दयता क्या प्राप्त करना चाहते हैं? 
             समय चक्र में से हमें क्या मिलेगा? यह तो हमारे चलने पर निर्भर है कि हम समय चक्र के साथ कितना तालमेल बिठाकर चल सकते हैं? समय हमारे साथ तालमेल नहीं करेगा। हमें समय के साथ तालमेल करना होगा। समय का काम तो केवल चलना होता है; तालमेल, समन्वय या सहयोग करने जैसे कार्य समय के नहीं व्यक्ति के होते हैं। अतः समय के साथ तालमेल हमें ही करना होगा।

                संपूर्ण ब्रह्माण्ड में समय से अधिक शक्तिशाली और अमूल्य और कोई तत्व नहीं है। हमेशा बदलता हुआ, चक्रित समय प्रकृति की अनूठी प्रवृत्ति को प्रदर्शित करता है। समय चक्र से ही हमें सीख मिलती है कि, ‘परिवर्तन प्रकृति का नियम है।’ इस संसार में सब कुछ चलता है, सब कुछ बदलता है, जो स्थिर रहने का प्रयत्न करता है,  वह ही मरता है। सब कुछ समय के साथ चलता है, समय के साथ बदलता है। समय चक्र में सभी बँधे हुए हैं। समय से कोई स्वतंत्र नहीं। समय का रोकना, समय का संचय करना, समय का विश्लेषण व प्रबंधन करना संभव नहीं। समय का निवेश करना, समय का उपयोग करना और समय को जीकर जिंदगी मेँ  परिवर्तित करना संभव है और यह व्यक्ति के हाथ में है, ईश्वर के नहीं। यह समय की एजेंसी की सहायता से किया जा सकता है।
                अतः आओ हम समय की बचत करके निवेश करते हुए अपने लिए समय की एजेंसी प्राप्त करें। हम समय के हर पल का उपयोग करते हुए न केवल स्वयं के लिए समय प्राप्त करें वरन् दूसरों को भी समय की एजेंसी का राज़ बताकर उनको समय का लाभकारी उपयोग करने का तरीका सिखायें। जी हाँ! ज्ञान बांटने से बढ़ता है, कम नहीं होता। अतः समय की एजेंसी के राज को अपने तक सीमित मत रखिए; दूसरों को भी समय की एजेंसी से लाभ प्राप्त करने दीजिए। सफलता और विकास के पथिक को समय के चरैवेति-चरैवेति के मंत्र अर्थात् सदैव चलते रहो, सदैव चलते रहो पर चलना होगा। अपने साथियों और सहयोगियों को भी इसी मंत्र में दीक्षित करना होगा। प्रगति-पथ पर समय के साथ चलने के लिए प्रेरित करते हुए हम अपने साथियों को भी जीवन रस का आनन्द लेने की कला सिखला सकते हैं। प्रगति-पथ पर समय के साथ-साथ चलें और समय की बचत कर निवेश कर समय से रिटर्न अर्थात् अमूल्य लाभ प्राप्त करें। यही समय की एजेंसी का मूलमंत्र है।

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