गुरुवार, 14 अप्रैल 2011

आओ बनें प्रोफ़ेसर- नेट पास करें



प्रोफ़ेसर क्यों बनें?


शिक्षण पुरातन काल से ही भारत में एक सम्मानित पेशा रहा है और आज भी है. मूल्यहीनता के दौर में भी शिक्षकों को सम्मान दिया जाता है। छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद वेतन भी आकर्षक हो गया है। कॉलेज व विश्वविद्यालयी शिक्षकों का तो पद नाम भी परिवर्तित कर असिस्टेण्ट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर व प्रोफेसर कर दिया गया है। उच्च शिक्षा में एक शिक्षक के रूप में प्रवेश असिस्टेण्ट प्रोफेसर के रूप में मिलता है। असिस्टेण्ट प्रोफेसर को पे-बेण्ड 3 (15600-39100) के अन्तर्गत विशेष ग्रेड पे 6000 प्राप्त होता है, प्रारम्भिक अनुमानित वेतन लगभग 40000 रूपये मासिक है। उच्च शिक्षा में शिक्षण के लिए सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसमें प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा की तरह एक या दो वर्ष के शिक्षक प्रशिक्षण की आवश्यकता नहीं है। आप स्नातकोत्तर के बाद नेट उत्तीर्ण कर कॉलेज या विश्वविद्यालय में सीधे ही असिस्टेण्ट प्रोफेसर बन सकते हैं।



न्यूनतम् योग्यता-


 कॉलेज या विश्वविद्यालय में असिस्टेण्ट प्रोफेसर के लिए न्यूनतम् योग्यता अच्छे शैक्षणिक अभिलेख के साथ स्नातकोत्तर (पोस्ट ग्रेजुएट) में न्यूनतम् 55 प्रतिशत (अनुसूचित जाति, जनजाति व विकलांक अभ्यर्थियों के लिए 50 प्रतिशत) अंक होने चाहिए। यहां ध्यान देने की बात है, 54.9 को 55 प्रतिशत नहीं माना जाता। 


प्रवेश द्वार -


विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने सम्पूर्ण देश में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से 2009 में अधिसूचना जारी करके राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) को अनिवार्य कर दिया है। नेट से छूट केवल ऐसे अभ्यर्थियों को मिलती है, जिन्होंने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा 2009 में अधिसूचित अधिसूचना के अनुसरण में पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त की है। इस प्रकार नेट उत्तीर्ण करना असिस्टेण्ट प्रोफेसर बनने के लिए प्रवेश द्वार है।


शोध हेतु छात्र-वृत्ति :-


नेट परीक्षा केवल कालेज शिक्षक हेतु  पात्रता परीक्षा ही नहीं वरन छात्र-वृत्ति परीक्षा भी है। 28 वर्ष तक के जो अभ्यर्थी शोध करना चाहते हैं, उन्हें शोध करने के लिए सम्मान-योग्य व पर्याप्त छात्र-वृत्ति प्रदान की जाती है। आयु में अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व विकलांग अभ्यर्थियों के लिए नियमानुसार छूट भी दी जाती है। शोधवृत्ति पाने वाले छात्र असिस्टेंण्ट प्रोफेसर के लिए अर्ह भी माने जाते हैं। केवल पात्रता परीक्षा के लिए कोई आयु सीमा नहीं है।


परीक्षा पैटर्न-


नेट परीक्षा का आयोजन कला व वाणिज्य विषयों के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा वर्ष में दो बार किया जाता है। ये परीक्षा जून व दिसम्बर माह के अन्तिम रविवार को आयोजित की जाती हैं। आगामी परीक्षा 26 जून 2011 को आयोजित की जा रही है। परीक्षा में तीन प्रश्न पत्र होते हैं। प्रथम व द्वितीय प्रश्न पत्र 100-100 अंक के बहुविकल्पीय तथा तृतीय प्रश्न पत्र 200 अंक का विवरणात्मक होता है। प्रथम प्रश्न पत्र शिक्षण एवं शोध अभियोग्यता का होता है, जो सभी विषयों के अभ्यर्थियों के लिए एक ही होता है। इस प्रश्न पत्र में 60 प्रश्नों में से 50 हल करने हैं। द्वितीय प्रश्न पत्र अभ्यर्थी द्वारा चयनित विषय का होता है, जिसमें 50 बहुविकल्पीय प्रश्न होते हैं, अभ्यर्थी को सभी प्रश्न हल करने हैं। तृतीय प्रश्न पत्र सम्बन्धित विषय का वणर्नात्मक होता है। प्रथम व द्वितीय प्रश्न पत्र में न्यूनतम् अंक आने पर ही तृतीय प्रश्न पत्र का मूल्यांकन किया जाता है। नेट परीक्षा में सफलता के लिए सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए प्रथम व द्वितीय प्रश्न पत्र में अलग-अलग 40-40 व संयुक्त रूप से 100 अंक तथा तृतीय प्रश्न पत्र में 100 अंक लाना अनिवार्य है। अन्य पिछड़ा वर्ग व विकलांग अभ्यर्थियों के लिए प्रथम व द्वितीय प्रश्न पत्र में अलग-अलग 35-35 व संयुक्त रूप से 90 अंक तथा तृतीय प्रश्न पत्र में 90 अंक लाना अनिवार्य है, जबकि अनुसूचित जाति व जनजाति के अभ्यर्थी संयुक्त रूप से 80 व तृतीय प्रश्न पत्र में 80 अंक लाने पर उत्तीर्ण घोषित किए जाते हैं। प्रथम व द्वितीय प्रश्न पत्र में नकारात्मक मूल्यांकन नहीं है।

कैसे भरें फार्म?

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा जून 2011 की परीक्षा के लिए अधिसूचना जारी की जा चुकी है। इच्छुक अभ्यर्थी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की बेबसाइट www.ugc.ac.in पर जाकर विश्वविद्यालय द्वारा जारी अधिसूचना को पढ़ सकते हैं तथा दिए गये निर्देशों के अनुसार दिनांक 25 अप्रेल 2011 तक आन लाइन आवेदन पत्र भर सकते हैं। आवेदन पत्र का प्रिन्ट सम्बन्धित विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार के पास दिनांक 2 मई 2011 तक पहुंच जाना चाहिए।


कैसे करें तैयारी?


परीक्षा की तैयारी के लिए विभिन्न संस्थान कोचिंग सेन्टर भी चलाते हैं। विभिन्न प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित गाइडें खरीदी जा सकती हैं। मूल बात यह है कि परीक्षा का स्तर स्नातकोत्तर का होता हैं तथा स्नातकोत्तर स्तर की पाठ्य पुस्तकें सबसे अधिक उपयोगी होती हैं। अत: परीक्षार्थी को विश्व विद्यालय अनुदान आयोग की बेबसाइट www.ugc.ac.in से अपने विषय का पाठयक्रम डाउनलोड कर लेना चाहिए। बेबसाइट पर गत वर्षों के प्रश्न पत्र भी उपलब्ध हैं। इन्हें देखकर परीक्षार्थी को स्वयं की तैयारी व संसाधनों के अनुसार निर्धारित करना चाहिए कि उसे कोचिंग करने की आवश्यकता है या नहीं? हां, बाजार में उपलब्ध गाइडों आदि पर ही निर्भर न रहकर विषय की गम्भीर तैयारी करनी चाहिए। अच्छा तो यह है कि नेट परीक्षा देने के इच्छुक छात्र व छात्राओं को स्नातक अध्ययन के दौरान ही इस उद्देश्य से पाठयक्रम पर ध्यान देना प्रारंभ कर देना चाहिए. इस प्रकार स्नातकोत्तर का परिणाम आते-आते नेट का प्रमाण-पत्र भी हाथ में होना संभव हो सकेगा. गंभीर अध्ययन प्राथमिक शर्त है, आखिर उसे उच्च शिक्षा में प्रोफेसर बनना है जिसके लिए गम्भीर अध्ययन, चिन्तन व मनन की आवश्यकता है।  
      

1 टिप्पणी:

बेनामी ने कहा…

अच्छा लेख है ज्ञान मिला