सफ़लता के लिये कोई निश्चित
सूत्र निर्धारित करना कठिन कार्य
है फ़िर भी व्यक्तिगत कुशलता
सुनिश्चित करके ही सफ़लता की
अनुभूति कर सकते हैं! व्यक्तिगत
प्रयास श्रेष्ठतम ढंग से करके श्रेष्ठतम परिणामों की अपेक्षा की जा
सकती है किन्तु सफ़लता तो आत्मसन्तुष्टि पर ही निर्भर है और
उसमें पूरी ईमानदारी की आवश्यकता है!
ईमानदारी से डिगना श्रेष्ठता से डिगना भी है!
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