बुधवार, 7 अगस्त 2024

सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देती-

नवोदय की प्रवासन नीति

जवाहर नवोदय विद्यालय भारतीय ग्रामीण क्षेत्र के प्रतिभावान विद्यार्थियों के लिए अनूठे विद्यालय हैं। पूर्णतः आवासीय होने के कारण ये विद्यालय प्राचीन गुरुकुल प्रणाली की याद दिलाते हैं तो दूसरी और अत्याधुनिक शिक्षण-अधिगम पद्धितियों के माध्यम से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लक्ष्यों के अनुरूप ग्रामीण क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण माध्यमिक शिक्षा देने के आदर्श संस्थान कहे जा सकते हैं। नवोदय विद्यालय माध्वियमिक स्तर की विश्वस्तरीय आधुनिक शिक्षा प्रदान करने के महत्वपूर्ण संस्थान हैं। केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद से संबद्ध इन विद्यालयों का परीक्षा परिणाम उत्कृष्ट रहता है।

नवोदय विद्यालय की अनूठी विशेषता भारत की संस्कृति और लोगों की भाषाई विविधता, बहुलता और सामंजस्य की समझ को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष भाषाई क्षेत्र में एक नवोदय विद्यालय से एक अलग भाषाई क्षेत्र में दूसरे विद्यालय में छात्रों को प्रवास पर भेजे जाने वाली योजना है। नवोदय विद्यालय समिति की इस योजना के अन्तर्गत, प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष में कक्षा-नौवीं स्तर पर एक जवाहर नवोदय विद्यालय से 30 प्रतिशत छात्र-छात्राओं को दूसरे जवाहर नवोदय विद्यालय में एक शैक्षणिक सत्र के लिए स्थानांतरित किया जाता है। यह प्रवास योजना हिंदी भाषी क्षेत्र के एक जनपद व हिंदीतर भाषी क्षेत्र के जनपद के बीच आदान-प्रदान की योजना है। 1988-89 में केवल 2 जवाहर नवोदय विद्यालयों में केवल 31 प्रवासी छात्रों के साथ एक मामूली शुरुआत से, यह योजना पिछले 35 वर्षों में निरंतर बढ़ती गई है। 

प्रवासन और त्रिभाषा सूत्र

राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने के नवोदय विद्यालय की यह प्रवासन योजना त्रिभाषा सूत्र के कार्यान्वयन का प्रावधान करती है। त्रिभाषा सूत्र का सही अर्थो में अनुपालन यह प्रवासन नीति करती है। तीन भाषाएँ हिंदी भाषी जिलों में ही नहीं देश के सभी नवोदय विद्यालयों में पढ़ाई जाती हैं। भाषाई और सांस्कृतिक एकीकरण को छात्रों के प्रवास से बढ़ावा मिलता है। हिंदी भाषी जिलों में, जवाहर नवोदय विद्यालयों में पढ़ाई जाने वाली तीसरी भाषा हिंदीतर क्षेत्रों से उस जेएनवी में चले गए 30 प्रतिशत छात्रों की ही भाषा नहीं है। यह भाषा कक्षा 6 से 9 तक के सभी विद्यार्थियों के लिए अनिवार्य है। हिंदी और हिंदीतर सभी क्षेत्रों में, नवोदय विद्यालय सामान्य त्रिभाषा सूत्र अर्थात क्षेत्रीय भाषा, हिंदी और अंग्रेजी का पालन करती है।

वर्तमान में देश के 35 प्रदेशों/केन्द्र शासित प्रदेशों में 653 जवाहर नवोदय विद्यालय अपनी अनुपम प्रवासन नीति के माध्यम से भाषाई व सांस्कृतिक एकीकरण को बढ़ाते हुए राष्ट्रीय एकता की भावना को बढ़ाने का कार्य सफलतापूर्वक कर रहे हैं। नवोदय विद्यालय प्राचीन मूल्यों को संरक्षित करते हुए आधुनिक शिक्षा देकर ग्रामीण क्षेत्र की प्रतिभाओं को देश के जिम्मेदार नागरिक के रूप में तैयार कर रहे हैं।  


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