मेरी मौत पर कोई छुट्टी मत करना। मुझे सच्ची श्रद्धांजलि देनी है तो एक दिन ज्यादा काम करना। - डा.कलाम
क्या हमारी संसद व सरकार ने कलाम साहब की इच्छा का मान रखा? क्या हम कलाम साहब के सम्मान में उनके सपनों को अपने सपने बनाने को तैयार हैं?
इसके लिये हमें छुट्टेयों की प्रवृति को त्याग कर कर्म योगी बन डा कलाम साहब के पथ पर बढ़ना होगा।
क्या हमारी संसद व सरकार ने कलाम साहब की इच्छा का मान रखा? क्या हम कलाम साहब के सम्मान में उनके सपनों को अपने सपने बनाने को तैयार हैं?
इसके लिये हमें छुट्टेयों की प्रवृति को त्याग कर कर्म योगी बन डा कलाम साहब के पथ पर बढ़ना होगा।
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