गुरुवार, 3 जनवरी 2013


नेतृत्व का अर्थ

                                                            डा.ए.पी.जे.अब्दुल कलाम


जो साहस का, धैर्य का, निः स्वार्थ का पर्याय हो। नेतृत्व वह जो खतरे उठाए, अपने लिए नहीं, दूसरों के लिए, देश के लिए। नेतृत्व समाज की खुशी में ही अपनी खुशी देखता है। मानवीय साहस, दूरदृष्टि, उपलब्धि, धैर्य और सृजनशीनता का पर्याय है नेतृत्व। नेतृत्व, जो प्रेरित करता है, जो हमें मूल्यों की सीख देता है और दायित्व का एहसास कराता है। ऐसा ही नेतृत्व देश गढता है, इतिहास का पुर्नलेखन करता है, समाज को आगे ले जाता है।

  • नेतृत्व के पास दूरदृष्टि (विजन) अवश्य हो।
  • विजन को जमीन पर उतारने का जुनून हो।
  • नेतृत्व की नई राह बनाने, उस पर चलने के लिए तैयार रहना चाहिए।
  • उसे सफलता व विफलता दोंनो का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए।
  • उसके पास निर्णय लेने का साहस होना चाहिए।
  • उसे प्रबंधन में विनम्र होना चाहिए।
  • उसे हर कार्यवाही में पारदर्शी होना चाहिए।
  • उसे ईमानदारी के साथ काम करना चाहिए व इसी तरह सफलता पानी चाहिए।

 सभी मिशनों में सफलता के लिए नेतृत्व को रचनात्मक होना चाहिए। रचनात्मक नेतृत्व का अर्थ है, दृष्टि को इस तरह अमल में लाएँ, जिससे उसकी भूमिका परंपरागत कमांडर से बदल कर कोच के रुप में स्थापित हो। वह मैनेजर के बदले मेंटर, निदेशक के बदले डेलिगेटर व दूसरों से आदर की मांग करने वाले की जगह खुद को आदर पाने योग्य साबित करने वाला हो।
                              जन-प्रवाह (16 से 22 दिसम्बर 2012) से साभार

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