रविवार, 16 नवंबर 2014

सपनों को मूर्त रूप देने के लिए प्रबंधनः


हम प्रबन्धन शब्द से भली भाँति परिचित हैं। वर्तमान समय में प्रबंधन का सर्वतोमुखी प्रभाव है। आप जिस भी क्षेत्र से संबन्धित हों। आपका इस शब्द से साबका अवश्य ही पड़ा होगा। व्यावसायिक व औद्योगिक क्षेत्र में तो प्रबंधन आधार स्तंभ है ही। स्वास्थ्य प्रबन्धन, यात्रा प्रबन्धन, होटल प्रबन्धन, इवेन्ट मेनेजमेंट आदि सभी क्षेत्रों में प्रबंधन के बिना काम नहीं चलता। अभिप्रेरणात्मक पुस्तकों की आज बाजार में भरमार है। बेस्ट सेलर के रूप में अनेक लेखक स्थापित हो रहे हैं। वे सफलता के सपने दिखाते हैं। उन पुस्तकों को पढ़कर कितने युवक-युवतियों ने सफलता प्राप्त की, यह तो सर्वेक्षण की बात है किन्तु हाँ, उन लेखकों और उन प्रकाशकों ने अवश्य सफलता प्राप्त की है। जो महँगी पुस्तकें बेचकर अच्छा लाभ कमा रहे हैं। वास्तविक रूप से ये मार्केट प्रबंधन है। 
            बाजार में प्रबंधन की पुस्तकों की बढ़ती माँग का मुख्य कारण युवाओं में प्रबंधन के गुणों की कमी है। वे इस बात को समझ गये हैं कि प्रबंधन जीवन के लिए आवश्यक है। यही कारण है कि अभिप्रेरणात्मक किताबों की बिक्री बढ़ रही है। किन्तु वास्तव में ऐसी पुस्तकें सपने दिखाने व सकारात्मक सोच का निर्देश देने के सिवाय और कोई महत्वपूर्ण दिशा निर्देश नहीं देतीं। किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए केवल सपने देखना ही पर्याप्त नहीं है। उन सपनों को योजनाओं में ढालकर मूर्त रूप प्रदान करने के लिए संपूर्ण प्रबंधन प्रक्रिया को समझना व क्रियान्वित करना पड़ेगा। 

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