मंगलवार, 14 जनवरी 2014

शिक्षा में प्रबन्धन - 1

वर्तमान में शिक्षा को आध्यात्मिक ही नहीं, मानव के भौतिक विकास के लिए अनिवार्य संसाधन के रूप में  सर्वसम्मति से स्वीकार किया जा चुका है। इसे मानव विकास का आधारभूत उपकरण मानते हुए संयुक्त राष्ट्र में 10 दिसम्बर 1948 को निर्विरोध स्वीकृत सार्वभौमिक अधिकारों के घोषणा पत्र के अनुच्छेद 26 में शिक्षा के अधिकार को मान्यता दी गई है। इस प्रकार अंतर्राष्ट्रीय व राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा एक मौलिक अधिकार है। शिक्षा को मानव अधिकार के रुप में स्वीकार करके शिक्षा के द्वार समस्त मानव समुदाय के लिए खोल दिए गए हैं। मानव अधिकारों को लागू करना सभी देशों की सरकारों का कर्तव्य बन गया है। सभी देशों की सरकारों से अपेक्षा की गई है कि वे अपने यहाँ कानूनों में संशोधन करके सभी नागरिकों के लिए शिक्षा के प्रावधान करें। भारत में 86 वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2002 के द्वारा शिक्षा को मौलिक अधिकार व शिक्षा के अधिकार अधिनियम, 2009 के माध्यम से प्राथमिक शिक्षा को अनिवार्य व निःशुल्क घोषित कर दिया गया है। अब भारतीय संविधान का अनुच्छेद 21 (क) प्राथमिक शिक्षा (6 वर्ष से 14 वर्ष तक के बालक/बालिकाओं के लिए) को मौलिक अधिकार के रूप में मान्यता देता है।

            शिक्षा को मौलिक अधिकार घोषित करने से ही देश के नागरिक शिक्षित नहीं हो जाएँगे। इसके लिए अपने संसाधनों का आकलन करना होगा, संसाधनों का विकास करना होगा, योजना बनानी होगी, संसाधनों का आवंटन करना होगा। संसाधनों के आवंटन कर देने से ही कोई क्रिया संपन्न नहीं हो जाती, उन संसाधनों का कुशलतम प्रयोग करके सभी को शिक्षा के लिए अभिप्रेरित करते हुए सभी नागरिकों को सही अर्थों में शिक्षित करना होगा।

         अर्थशास्त्र का चयन का सिद्धांत जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में लागू होता है, जिसके अनुसार-संसाधन सीमित हैं, संसाधनों का वैकल्पिक प्रयोग संभव है अतः अपनी प्राथमिकताओं के आधार पर हमें चयन करना पड़ता है कि कितने संसाधनों को कहाँ प्रयोग करना है? ताकि हमें अधिकतम सन्तुष्टि प्राप्त हो सके। अधिकतम् सन्तुष्टि या श्रेष्ठतम् परिणाम प्राप्त करने के लिए संसाधनों के कुशलतम् आबंटन की ही नहीं, उनके सुप्रबंधन की भी आवश्यकता पड़ती है। इससे स्पष्ट हो जाता है कि शिक्षा के मौलिक अधिकार को जनसामान्य को सुलभ कराने के लिए शिक्षा प्रणाली में प्रबन्धन की आवश्यकता है।

क्रमश: ...................................... 

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